
नमस्कार दोस्तों स्वागत है आपका jankari in hindi के एक शानदार Blog के अंदर
बच्चे कच्चे घड़े की तरह होते हैं वह समय के चक्कर में घूम रहे होते हैं और ज्ञान और अनुशासन से हमें उन्हें आकार देना होता है|
यह काफी रोचक भी होता है कि बच्चा क्या सीख रहा है कैसे सीख रहा है और कब सीख रहा है
इस ब्लॉग में काफी प्रश्नों के उत्तर दिया गए हैं जो काफी प्रैक्टिकल है और सारे के सारे उत्तर सिस्टम पर आधारित है किस प्रकार से सिस्टम हर दिन हम इंप्रूव कर सकते हैं
चलिए कुछ प्रश्नों के उत्तर जान लेते हैं
Lkg Ke Bacho Ko Kaise Padhaye Ya Chote Bacho ko Pdhane ke Liye Kya Kare
एलकेजी के बच्चों को कैसे पढ़ाएं या छोटे बच्चों को कैसे पढ़ाएं
सबसे पहले हमें यह जानना होगा वह किस तरफ आकर्षित हो रहा है
उदाहरण के तौर पर वह आपसे क्या पूछ रहा है
जैसे मम्मी यह मोबाइल क्या होता है यह कैसे काम करता है
इस समय आप किस तरह बच्चे को उसके जवाब के साथ साथ पढ़ने के लिए उत्साहित करते हैं और उसे कुछ सिखा पाते हैं|
जैसे आप कहो तो हो सकता है कि देखो यह एक फोन है
इसमें यह 1-2-3-4 -5-6-7-8-9-10 और भी दो चार बातें आप जोड़ सकते हैं
तो इससे हुआ यह कि बच्चे ने बातों ही बातों में डिजिट्स को सीख लिया और यही सबसे बढ़िया तरीका भी होता है अपने आसपास के वातावरण से सीखना
उन्हें वातावरण में बाहर जाने दे खेलने दे इससे वह बेहतर सीख पाएंगे
Natkhat aur srarti bacho ko kaise pdhae
नटखट और शरारती बच्चों को कैसे पढ़ाएं
वैसे तो बच्चे नटखट होते ही हैं और उनका नटखट सवार होना बहुत जरूरी भी होता है ताकि वह अपने आसपास की चीजों को अच्छे से सीख पाए
लेकिन हमारी किताबों की वजह से हमारे ट्रेडिशनल तरीकों के वजह से हमें उन्हें एक जगह बैठा कर पढ़ाने की आवश्यकता पड़ी ही जाती है
यह काफी जरूरी भी है क्योंकि जीवन के अंदर काफी चीजें नई जुड़ चुकी है और बच्चों को उस से रूबरू कराना हमारा कर्तव्य बनता है
इसका हल अनुशासन से ही होगा (Stick and Carrot )
बच्चे के लिए एक समय निकालिए वह समय हर दिन एक समान होना चाहिए जिसमें बच्चे को उस समय वही काम करना है चाहे वह पढ़ाई या कुछ और इसके बदले बच्चे को इनाम भी दिया जाना चाहिए ताकि उसे याद रहे|
शुरू में गलत कठिनाई हो तो समय सीमा को कम रखिए जैसे शुरुआत आप 10 मिनट से कर सकते हैं अगले दिन 15 मिनट से एक हफ्ते बाद 30 मिनट और इस तरह बढ़ावे सकते हैं इस तरह बच्चा अनुशासन में रहेगा और चीजों को सीख भी पा रहा होगा
याद रहे बच्चों को इनाम जरूर देना है कैसे हो दोबारा काम करने के लिए motivate करेगा
यह बहुत अच्छा तरीका
Mandbuddhi Bacho Ko Kaise Padhaye
मंदबुद्धि बच्चों को कैसे पढ़ाएं
यह थोड़ा Negative सवाल है इस सवाल को इस हिसाब से पूछना चाहिए कि स्पेशल बच्चों को कैसे पढ़ाएं
बच्चा चाहे किसी वजह से भी स्पेशल है और अगर बच्चा नटखट है तो कृपया उसे मंदबुद्धि ना bole उससे उसका मनोबल टूटता है | बच्चों को डांटे नहीं उनका प्रोत्साहन बढ़ाएं
स्पेशल बच्चों की अपनी खासियत होती है
सबसे अच्छी भाषा होती है प्यार की भाषा बच्चों को प्यार से समझाइए और उसे सिस्टम
(सिस्टम आपको नीचे मिलेगा)को फॉलो कीजिए उससे अच्छे अच्छे से बात कीजिए
अगर कोई समस्या है तो डॉक्टर से संपर्क करें
Bacho ko tution kaise pdhae
बच्चों को ट्यूशन कैसे पढ़ाएं ?
हालांकि यह सवाल भी इससे जुड़ा हुआ है परंतु यह मुख्यता आठवीं नौवीं दसवीं या किताबों वाले विद्यार्थियों के लिए होता है अब तक यह बात तो समझ में आए क्योंकि कम इस सिस्टम को फॉलो करना है और ट्यूशन पढ़ाने के लिए भी हमें इस सिस्टम में आना पड़ेगा भी
एक समय पर होना चाहिए बच्चे को उस समयसमय सिर्फ पढ़ाई पर ध्यान देना है और धीरे धीरे उसमें बेहतर करना है शुरुआत में थोड़ी कठिनाई होगी और कुछ समय बाद आदत हो जाएगी
यह बताना है कि किताबों का ज्ञान असलियत जिंदगी में कहां काम आता है
बच्चे को कोई चीज जटिल तभी लगेगी जब वह किताबों को दूसरी चीजों से जुड़ नहीं पाएगा
इसलिए बच्चों को गणित समझने में काफी मुश्किल होती है तो कोशिश करें गणित पढ़ते समय बच्चा सिर्फ गणित पर ध्यान दें और धीरे-धीरे पर एक बार तरीका पता चल गया तो बच्चा खुद को खुद करता रहेगा
सिस्टम जो आपको फॉलो करना है
System to follow
1)बच्चा हर us chij se भागेगा जो उसे मुश्किल लगेगी या जिससे वह बोर होगा इसलिए कोशिश करें कि शुरुआत से ही बहुत जटिल चीजों को ना सिखाएं शुरुआत आसान चीजों से ही करें चाहे उससे वह बात करना हो चाहे उससे एक लाइन में दो ना लिखवाना हो या चाहे कोई भी
1a)इसके लिए फोटो वाले किताबों का सहारा ले शुरुआती समय में बच्चा लिखित से ज्यादा चित्रों से समझता है जिससे उसकी मानसिक क्षमता बढ़ती है और इमैजिनेशन करने में आसानी होती है आगे चलकर वह यह चित्र ही उसे जटिल समस्याओं को मदद करने में मदद करेंगे
यह बहुत ही आसान और कारगर तरीका है शुरुआत के लिए
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1b) खेल और खिलौनों का सहारा ले
खेल मानसिक के सांसद बच्चे का शारीरिक और इमोशनल व्यवहार भी तय करते हैं और बच्चे के साथ जुड़े रहने का एक बहुत आसान तरीका भी है इससे बच्चा कभी बोर भी नहीं होगा और आपकी बात मानेगा भी क्योंकि उसको आप के साथ मजा आ रहा है
आप लूडो शतरंज या फिर कोई पसंद ऐसे गेम खेल सकते हैं और
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और बचा कर बहुत ही छोटा है तो और छोटे खिलौने जैसे बर्तन गुड्डे गुड़ियों का प्रयोग भी करें यह भी सीखने का ही एक तरीका है और और धीरे-धीरे अपनी समझ के अनुसार उन्हें चीजें सिखाते हैं
जैसे यह बर्तन तो गोल है चलो बच्चों गोल बनाकर दिखाओ
1c)कविताओं के जरिए बच्चों से बात करें यह भी बहुत अच्छा तरीका है बच्चों से बात करने का बच्चों को अलग-अलग तरह की आवाजें पसंद आती है तो उन्हें आकर्षण होता है और चीजों को सीखते हैं कोशिश करें कि कोई कविता उन्हें याद हो जाए और उसके जरिए कुछ शब्द उनके अंदर चले जाए
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2)हर 1 दिन में बहुत कुछ करने के बजाय हर दिन थोड़ा-थोड़ा करने पर विश्वास रखें और बेहतर होते रहे
यह बात समझना बहुत जरूरी है कि कोई भी काम हम 1 दिन में नही सिखाते हमारे नर्वस कनेक्शन दिन पर दिन बेहतर होते हैं
सारांश (Summary)
1)हर बच्चा खास होता है उनसे बात करें
2) सब कुछ एक ही दिन में समझाने से बचें थोड़ा-थोड़ा सिखाएं
3) सीखने और सिखाने के लिए सिस्टम होता है फॉलो करें
4)डांटने के बजाएं अनुशासन का प्रयोग करें
5)काम करने पर बच्चों को इनाम दे
6) बच्चों के लिए बुद्धू जैसा शब्द का प्रयोग करने से बचें और उनकी तारीफ करें
7) चित्र वाली किताबों का सहारा ले
8)खिलौनों का प्रयोग करें
9)कहानियां और कविताओं का प्रयोग करें